आंध्र प्रदेश में भगवान तिरुपति के प्रसाद में चर्बी मिलने के मामले में राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास की प्रतिक्रिया सामने आई है। आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि जो जांच की गई उससे साफ है कि मछली का तेल मिलाया गया था। यह कब से हो रहा है ये अभी तक पता नहीं चल पाया है। उन्होंने कहा कि यह एक साजिश है और इस मामले को सनातन धर्म पर हमला करार दिया है। साथ ही उन्होंने सरकार को मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कराने की मांग की है।
लैब की रिपोर्ट में, प्रसाद तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घी में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल पाया गया है। प्रसाद में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल होने पर टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमन रेड्डी ने प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा, “चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि घी तैयार करने के लिए जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया जाता है।
गुजरात में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को परीक्षण के लिए भेजे गए नमूनों की रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की गई है कि कि घी की तैयारी में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया गया था। यह हिंदू धर्म का अपमान है। भगवान को दिन में तीन बार चढ़ाए जाने वाले प्रसाद में इस घी का इस्तेमाल किया गया था। हमें उम्मीद है कि न्याय होगा और भगवान हमें माफ कर देंगे।”
More Stories
उत्तर प्रदेशऔर उत्तराखंड एनसीसी कैडेट्स के लिए भारतीय सेना द्वारा अग्रिम क्षेत्र दौरा और ट्रेकिंग
आगामी 11 से 15 नवम्बर तक आयोजित होगा अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुकाजी मेला – विनय कुमार
देहरादून में आयोजित पीएम विश्वकर्मा’ योजना की पहली वर्षगांठ कार्यक्रम में प्रतिभाग करते ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी।