April 23, 2025

Karm Ka Siddhant

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शिक्षा विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी और एससीईआरटी की निदेशक बंदना गब्र्याल ने शिक्षक दिवस पर अपने शिक्षकों को किया याद

शिक्षा विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी और एससीईआरटी की निदेशक बंदना गब्र्याल ने शिक्षक दिवस पर अपने शिक्षकों को किया याद


शिक्षा विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी और एससीईआरटी की निदेशक बंदना गब्र्याल ने शिक्षक दिवस पर अपने शिक्षकों को याद किया। उन्होंने कहा, गुरु न होते तो आज शायद हम इस मुकाम पर नहीं पहुंचते। हर गुरु की ख्वाहिश होती है कि उनका शिष्य उनके बताए मार्ग पर चलकर उनका नाम रोशन करे।

शिक्षा महानिदेशक के मुताबिक हालांकि उनकी पहली गुरु उनकी मां सावित्री देवी है। जिसने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने में तमाम कष्ट झेले। उनकी मां का 16 साल की उम्र में विवाह हो गया था। उन्हें अच्छी तरह याद है कि जब वह आठवीं में पढ़ते थे तो गणित के शिक्षक पुरुषोत्तम ने उन्हें जो सिखाया जीवन में समय-समय पर वह काम आया। 12वीं में पहुंचे तो उनके शिक्षक रामानुज उन्हें रसायन विज्ञान पढ़ाया करते थे। हमारे शिक्षकों ने हर कठिन राह को आसान बनाने में मदद की। जीवन में समय-समय पर आने वाली चुनौतियों से निपटने की सीख दी।

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की निदेशक बंदना गब्र्याल बताती हैं कि उनकी प्राथमिक शिक्षा राजकीय प्राथमिक विद्यालय सोसा चौदास तहसील धारचूला से और माध्यमिक शिक्षा जीजीआईसी धारचूला से हुई। इसके बाद डीएसबी कैंपस नैनीताल से उच्च शिक्षा ग्रहण की। विभाग की निदेशक होने के बावजूद वह शिक्षकों को जहां भी देखती हैं, उन्हें गुरु के रूप में देखती हैं। वह बताती हैं कि बच्चा साल में 220 कार्यदिवस शिक्षकों के सानिध्य में रहता है।


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